जानिए सुपर कंप्यूटर एक नजर में-
सुपर कम्प्यूटर क्या है?
सुपर कंप्यूटर एक अत्यंत शक्तिशाली कंप्यूटर है जो जटिल गणनाओं और बड़े डेटा सेट्स को बेहद तेजी से प्रोसेस करने में सक्षम होता है। ये सामान्य कंप्यूटरों से कहीं अधिक तेज़ और सक्षम होते हैं, और वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, आणविक अनुसंधान, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सुपर कम्प्यूटर के नाम से ही एक तेज रफ्तार, ज्यादा मेमोरी युक्त आदि विशेषताएं लिए एक पावरफुर कम्प्यूटर की छवि समाने आने लगती है। सुपर कम्प्यूटर में बहुत सारे माइक्रोप्रोसेसर लगे हैं जिसके कारण इसकी कार्यक्षमता कई गुना अधिक होती है।
सुपर कंप्यूटर के प्रकार
सुपर कंप्यूटरों को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- जनरल-पर्पस सुपर कंप्यूटर: ये विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं।
- स्पेशल पर्पस सुपर कंप्यूटर: ये विशेष कार्यों के लिए बनाए जाते हैं, जैसे कि मौसम पूर्वानुमान, आणविक अनुसंधान, आदि।
दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर: CDC 6600
नाम: CDC 6600
विकसितकर्ता: Seymour Cray
निर्माता: Control Data Corporation (CDC)
वर्ष: 1964
प्रदर्शन: 3 मिलियन फ्लॉप्स (MFlops)
CDC 6600 को दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर माना जाता है। इसे Seymour Cray ने डिजाइन किया था, जो बाद में Cray Research के संस्थापक बने। इस मशीन ने अपनी समय की तुलना में अत्यधिक तेज़ गणना क्षमता प्रदान की, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्य जटिल गणनाओं में क्रांतिकारी बदलाव आया।
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर: PARAM 8000
नाम: PARAM 8000
विकसितकर्ता: डॉ. विजय भटकर और C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing)
वर्ष: 1991
प्रदर्शन: 1 GFlops (Gigaflops)
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर PARAM 8000 था, जिसे 1991 में C-DAC द्वारा विकसित किया गया था। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, क्योंकि इससे पहले भारत को उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटरों के लिए विदेशी तकनीकी सहायता पर निर्भर रहना पड़ता था। PARAM 8000 ने भारत को सुपर कंप्यूटिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।
विश्व में सुपर कम्प्यूटर की स्थिति-
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- El Capitan: यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर है, जो 1.742 ExaFLOPS की गति से कार्य करता है। यह लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी में स्थित है।
- Frontier: यह भी Exascale श्रेणी का सुपर कंप्यूटर है, जो 1.1 ExaFLOPS की गति से कार्य करता है। यह ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में स्थित है।
- Aurora: यह 1 ExaFLOPS की गति से कार्य करता है और आर्गोन्स नेशनल लेबोरेटरी में स्थित है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के पास TOP500 सूची में 175 सुपर कंप्यूटर हैं, जो वैश्विक प्रदर्शन का लगभग 48.4% हिस्सा हैं।
2. चीन
- Sunway TaihuLight: यह 93 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और चीन के वुज़ेन में स्थित है।
- Tianhe-2A: यह 61 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और गुआंगज़ौ में स्थित है।
- Jupiter: यह यूरोप का पहला Exascale सुपर कंप्यूटर है, जो 1 ExaFLOPS की गति से कार्य करता है और जूलिच, जर्मनी में स्थित है।
चीन के पास TOP500 सूची में 47 सुपर कंप्यूटर हैं।
3. जापान
- Fugaku: यह 442 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और कोबे में स्थित है।
- FugakuNEXT: यह 600 ExaFLOPS की गति से कार्य करेगा और 2030 तक संचालन में आएगा।
जापान के पास TOP500 सूची में 34 सुपर कंप्यूटर हैं।
4. जर्मनी
- Jupiter: यह 1 ExaFLOPS की गति से कार्य करता है और जूलिच रिसर्च सेंटर में स्थित है।
जर्मनी के पास TOP500 सूची में 41 सुपर कंप्यूटर हैं।
5. फिनलैंड
- LUMI: यह 379.7 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और CSC – IT Center for Science में स्थित है।
फिनलैंड के पास TOP500 सूची में 3 सुपर कंप्यूटर हैं।
6. स्विट्ज़रलैंड
- Alps: यह 434.9 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और Lugano में स्थित है।
स्विट्ज़रलैंड के पास TOP500 सूची में 5 सुपर कंप्यूटर हैं।
7. इटली
- Leonardo: यह 241.2 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और CINECA में स्थित है।
इटली के पास TOP500 सूची में 14 सुपर कंप्यूटर हैं।
8. फ्रांस
- Jean Zay: यह 18.8 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और IDRIS में स्थित है।
फ्रांस के पास TOP500 सूची में 24 सुपर कंप्यूटर हैं।
9. स्पेन
- MareNostrum 5: यह 13.7 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और Barcelona Supercomputing Center में स्थित है।
स्पेन के पास TOP500 सूची में 3 सुपर कंप्यूटर हैं।
10. दक्षिण कोरिया
- NURION: यह 13.2 PetaFLOPS की गति से कार्य करता है और Korea Institute of Science and Technology Information में स्थित है।
दक्षिण कोरिया के पास TOP500 सूची में 13 सुपर कंप्यूटर हैं।
सुपर कंप्यूटरों का विकास: एक समयरेखा
1960s – शुरुआती सुपर कंप्यूटर
- 1961: IBM 7030 “Stretch” – 1.2 MIPS (~600 KFlops)
- 1964: CDC 6600 – 10 MIPS / 3 MFlops (पहला सुपर कंप्यूटर)
- 1969: CDC 7600 – 36 MFlops
1970s – Cray का आगमन
- 1976: Cray-1 – 80 MFlops (पहला Cray सुपर कंप्यूटर)
- 1979: Cray-2 – 1.9 GFLOPS
1980s – जापान और यूरोप की पहल
- 1983: Fujitsu VP-100 – 1 GFLOPS (जापान का पहला सुपर कंप्यूटर)
- 1985: Cray Y-MP – 8 GFLOPS
- 1989: Intel Paragon – 1.4 GFLOPS
1990s – पेंटियम और SIMD आर्किटेक्चर
- 1993: Intel Paragon XP/S – 2.3 GFLOPS
- 1997: ASCI Red – 1.3 TFLOPS (पहला TFLOPS सिस्टम)
2000s – IBM और Cray का प्रभुत्व
- 2004: Blue Gene/L – 280 TFLOPS
- 2008: Roadrunner – 1.0 PFLOPS (पहला पेटाफ्लॉप सिस्टम)
2010s – पेटाफ्लॉप से एक्सास्केल की ओर
- 2011: Fujitsu K Computer – 10.5 PFLOPS
- 2016: Sunway TaihuLight – 93 PFLOPS (चीन का सबसे तेज़)
- 2018: IBM Summit – 122.3 PFLOPS
- 2020: Fugaku – 442 PFLOPS (जापान का सबसे तेज़)
2020s – एक्सास्केल और ज़ेटास्केल की ओर
- 2022: Frontier – 1.1 ExaFLOPS (पहला एक्सास्केल सिस्टम)
- 2024: El Capitan – 1.742 ExaFLOPS (वर्तमान में सबसे तेज़)
- 2025: FugakuNEXT – 600 ExaFLOPS (ज़ेटास्केल की ओर पहला कदम)
सुपर कम्प्यूटर का क्रमिक विकास-
- 1920 ई0 में सुपर कम्प्यूटर शब्द का प्रयोग सबसे पहले, न्यूयार्क वर्ल्ड न्यूजपेपर ने आईबीएम द्वारा निर्मित टेबुलेटर्स के लिए किया था।
- 1946 ई0 अमेरिकी सेना के लिए भौतिकविद् जॉन माउचली एवं इंजीनियर जे प्रेस्पर इकेर्ट ने पैंसिलवेनिया विश्वविद्यालय में आप उपयोग हेतु “ENIAC” नामक एक इलेक्टॉनिक कम्प्यूटर का निर्माण किया जो 25 मीटर (80 फीट) लम्बा और 30 टन वजनी था। सैन्य वैज्ञानिक उद्येश्यों हेतु निर्मित यह कम्प्यूटर निसंदेह सबसे पहला सुपर कंप्यूटर था जिसी क्षमता 100 फ्लॉप्स थी।
- 1956 ई0 में लॉस अलामोस नेशनल लेबोरटरी के लिए आईबीएम ने स्ट्रेच सुपर कम्प्यूटर बनाया जो 1964 तक दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बना रहा।
- 1960 ई0 में प्रारम्भिक सुपर कंप्यूटरों को सयुक्त राज्य अमेरिका के Control Data Corporation के सेमूर CRAY ने डिजाइन किया।
- 1965 ई0 में प्रथम सुपर कंप्यूटर CDAC-6600 का विकास हुआ।
- 1970 ई0 के दशक के दौरानन अधिकांश सुपर कंप्यूटर वेक्टर प्रोसेसिंग पर आधारित थे।
- 1975 ई0 में प्रति सेकेंड10 करोड़ गणना करने वाला सुपर कंप्यूटर CRAY-1 का निर्माण हुआ। इसकी स्पीड 16 MFLOPS थी।
- 1976 ई0 में पहला सुपर कंप्यूटर ‘CRAY-1’ लॉस आलामोस नेशनल लेबोरेट्री में लगाया गया जो 16 MFLOPS स्पीड से चलता था।
- 1979 ई0 में क्रे द्वारा विकसित क्रे-2 पूर्ववर्ती सुपर कंप्यूटर से अधिक तेज रफ्तार, 8 प्रोसेसर युक्त तथा 1.9 GFLOPS की रफ्तार से चलता था। इसमें क्रे-1 की तुलना में वायर कनेक्शन की लंबाई 120 सेमी की
- 1980 ई0 के दशक से वेक्टर प्रोसेसिंग का स्थान समानांतर प्रोसेसिंग तकनीक ने ले लिया था।
- 1987 ई0 में भारत ने अमेरिका से प्रथम सुपर कंप्यूटर ‘CRAY-X MP/16’ आयात किया और नई दिल्ली के मौसम विज्ञान केन्द्र में स्थापित किया।
- 1988 ई0 में सुपर कंप्यूटर की तकनीक के प्रतिरक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए (भारत के पुणे में सी-डैक) की स्थापना।
- 1988 ई0 में भारत के नेशनल एयरोनॉटिक्स लि0 बैंगलौर में भारत का पहला सुपर कंप्यूटर ‘फ्लोसॉल्वर’ विकसित किया।
- 1988 ई0 में भारत के DRDO संगठन ने PACE(Process for Aerodynamics Computations and Evaluation) विकसित किया जिसकी गति अमेरिका के सुपर कंप्यूटर क्रे की गति के लगभग समकक्ष थी।
- 1989 ई0 में सेमोर क्रे ने क्रे कंप्यूटर नामक नई कंपनी शुरू कर क्रे-3 और क्रे-4 सुपर कंप्यूटर निर्मित किए।
- 1997 ई0 में इंटेल और सौंडिया नेशनल लेबोरेट्रीज ने पेंटियम प्रोसेसर्स युक्त ASCI-Red नामक सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया जो विश्व का पहला TFLOP (टेराफ्लॉप) सुपर कंप्यूटर बना।
- 2003 में भारत में बैंगलोर स्थित C-DAC में एक करोड़ की लागत से बना सुपर कंप्यूटर ‘परम पदम’ विकसित किया गया। 5 टेट्राबाइट वाले इस सुपर कंप्यूटर की क्षमता 22 टेट्राबाइट तक की जा सकती है।
- 2008 में क्रे रिसर्च एवं ओक रिज नेशनल लेबोरेट्री के सहयोग से निर्मित ‘जैगुआर’ सुपर कंप्यूटर पेटाफ्लॉप की रफ्तार से चलने वाला दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर बना।
- 2011 में जैगुआर को अपग्रेड कर ‘टाइटन’ नाम दिया गया और चीनी सुपर कंप्यूटर ‘तियान्हे-2’ से पहले तक विश्व का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बना रहा।
अंत में-
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