Who is the inventor of Mobile Phone | मोबाइल फोन के अविष्कारक कौन है?
मोबाइल फोन के अविष्कारक कौन है?
- दोस्तों, मोबाइल फोन का अविष्कार ‘मार्टीन कूपर’ ने किया, जिसका प्रथम उपयोग फिनलैण्ड देश में किया गया था। भारत में मोबाइल सेवा का प्रारम्भ 23 अगस्त 1995 को उस समय के केन्द्रीय संचार-मंत्री सुखराम तथा पं0 बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के मध्य बातचीत से प्रारम्भ हुआ।
- यह एक ऐसा फोन है जिसका उपयोग चलते-फिरते किया जाता है, मोबाइल-फोन को तार रहित बनाने के लिए ‘सूक्ष्म तरंगों’ (एक प्रकार की रेडियो तरंगों) का उपयोग किया जाता है। जिसे बेस-स्टेशन से निश्चित ‘भौगोलिक क्षेत्रफल’ में संचारित किया जाता है, इस भौगोलिक क्षेत्रफल को “सेल” कहते हैं। इसलिए मोबाइल फोन को सेल फोन या सेलुलर फोन भी कहा जाता है। सूक्ष्म तरंगों के उपयोग कारण सेल-फोन बन्द कमरे, भूमिगत कमरे (जमीन के अन्दर) तथा चुम्बकीय क्षेत्र में कार्य नहीं करता।
- वर्तमान में मोबाइल फोन केवल बात करने या मैसेज करने तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि लगभग सारे काम मोबाइल फोन से ही होने लगे हैं जैसे वीडियो चैट, व्हाट्सअप चैट, सोशल नेटवर्किंग, बिजनेस इत्यादि। इससे लोकल कॉल, एस.टी.डी कॉल तथा आई.एस.डी कॉल भी की जा सकती है।
मोबाइल फोन में उपयोग होने वाले सिम के टाइप
- GSM (Global System for Mobile Communication) : इस तकनीक में बड़े भू-भाग पर संचार संभव होता है तथा मोबाइल उपकरण और सिम कार्ड अलग-अलग होते हैं। जैसे- Airtel, Jio, Vi(Vodaphone + idea) ।
- CDMA(Code Division Multiple Access): इस तकनीक में संचार छोटे-भू-भाग तक ही होता था। यह एक प्रकार की WLL(Wireless Local Loop) तकनीक है। जिसमें मोबाइल-उपकरण तथा सिम-कार्ड साथ-साथ लेने होते थे।जैसे: – कुछ साल पहले Reliance तथा Tata indicom CDMA बनाता था।
मोबाइल में उपयोग होने वाले शब्द
- SMS(Short Messaging Services): इसमें मोबाइल फोन के द्वारा मैसेज को शब्दों के माध्यम से भेजा तथा प्राप्त किया जाता है।
- MMS(Multimedia Messaging Services):इसमें चित्र तथा शब्दों के माध्यम से संदेश प्राप्त व भेजे जाते थे।
- SIM(Subscriber Identity Module) Card: यह एक इलेक्ट्रानिक सर्किट होता है जिसमें यूजर तथा सर्विस प्रोवाइ करने वाली कम्पनी की व्यक्तिगत जानकारियां होती है। वास्तव में मोबाइल-डिवाइस का कोई फोन नम्बर नहीं होता है। एक सिम कार्ड का उपयोग किसी भी(GSM)मोबाइल डिवाइस में किया जा सकता है। पहले फुल साइज के सिम कार्ड का उपयोग होता था, इसके बाद मैक्रो सिम का इस्तेमाल होने लगा और अब नैनो सिम कार्ड का उपयोग होने लगा है।
- Bluetooth: यह एक ऐसी आधुनिक संचार तकनीक है जिसमें रेडियो तरंगों के माध्यम से मोबाइल फोन, लैपटॉप कम्पयूटर तथा डिजिटल कैमरा, को एक दूसरे के साथ सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।
- Wi-Fi(Wireless Fidelity): यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम रेडियो तरंगों की मदद से इंटरनेट को एक्सेस करते हैं और आजकल तो लगभग सभी जगह वाई-फाई का उपयोग होने लगा है। आज कल मोबाइल से हॉट-स्पॉट बनाकर दूसरे को इंटरनेट दिया जा सकता है और वाई-फाई की मदद से घर की कई सारी डिजिटल डिवाइसेस को एक साथ कनेक्ट किया जा सकता है और उन्हे एक मोबाइल व डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है।
- WAP(Wireless Application Protocol): ऐसा प्रोटोकॉल जिसका विकास बुद्धिमत्तापूर्ण प्रसारण की अनुमति के लिए होता है। WAP कहलाता है।
- Satellite Phone: उपग्रह के माध्यम से सूक्ष्म तरंगों का उपयोग करने वाले फोन सैटेलाइट-फोन कहलाते हैं। इनका उपयोग क्षेत्र मोबाइल-फोन की तुलना मे विस्तृत होता है।
पहला मोबाइल वायरस
वायरस काबिर मोबाइल फोन का पहला वायरस है। फरवरी, 2005 में वायरलैस इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से यह लगभग 12 देशों में फैल गया था। इसका आरम्भ फिलीपींस से हुआ था।
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