What is Linux | लाइनेक्स क्या है?
यूनिक्स और लाइनेक्स: एक परिचय
- Linux एक Multiuser, Multitasking Operating System है।
- यह Networking Field में सबसे अधिक उपयोग में लिया जाता है।
- Linux को Unix का क्लोन भी कहा जाता है क्योंकि इसका विकास Unix के आधार पर ही हुआ है।
- Linux का विकास 1991 में Helsinki University, Finland के Student Linus Torvalds द्वारा किया गया है। इसका विकास इन्होने अपने Engineering Project के रूप में किया।
- Linux एक Open Document Model पर आधारित है। जिसके अनुसार Linux के Source Code को इंटरनेट के द्वारा Free of cost डाउनलोड किया जा सकता है तथा अपनी जरूरत के अनुसार बदला भी जा सकता है।
- Linux का 95% भाग C Language में लिखा गया है तथा 5% Part जो कि इसका मुख्य भाग हैं, Assembly Language में लिखा गया है।
- यह Open Source है , इसके source code को देखा जा सकता है तथा उसमें अपनी जरूरत के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है।
- इसका प्रयोग करके कई Users अपने-अपने Terminals को Linux Server से Connect कर सकते हैं।
- Linux किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं डेवलेप किया गया है बल्कि कई व्यक्तियों द्वारा मिलकर बनाया गया है लेकिन इसका जो Core Part , Kernel है , वह Linus Torvalds द्वारा लिखा गया है।
Kernel(कर्नेल) क्या है?
Kernel, Linux Operating System का मुख्य भाग है जो Directly Compuer Hardware से Dealing करता है। Kernal द्वारा OS से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कार्य जैसे- File Management, Input/Output Management, Memory Management में एक साथ रन हो रहे , विभिन्न Programs की Scheduling तथा CPU Time को विभिन्न प्रोग्राम के मध्य Allocate करना आदि सम्पन्न किये जाते हैं। प्रत्येक OS में एक Kernel अवश्य होता है। Linux का Kernel, Assembly Language में लिखा गया है। कोई भी अन्य User Linux के Kernel में changes नहीं कर सकता है।
Features(विशेषताएं) of Linux:
- Multi-user: यह एक Multi User Operating System है अर्थात Networking के द्वारा एक से अधिक User एक साथ आपस में Connect होकर इसमें कार्य कर सकते हैं। Multiuser System में विभिन्न Computers में Resources को शेयर किया जाता है अर्थात Users अलग-अलग Computers पर कार्य करते हैं और Same Resources को शेयर करते हैं। इस प्रकार के Different Computer को Terminal कहा जाता है।
- Multitasking: इसमें एक User एक से अधिक कार्य एक साथ Execute कर सकता है अर्थात एक ही समय में Multiple Jobs को Execute किया जा सकता है। यह Operating System Background तथा Foreground Processing दोनो की सुविधा उपलब्ध कराता है। इसके लिए CPU, समय को विभिन्न कार्यों के बीच बांट देता है। User द्वारा दी गई Jobs Foreground में और CPU की Jobs Background में Perform होती हैं।
- Portability: चूंकि इसका अधिकतम Part C लिखा गया है तथा C एक Machine Independent Language हैं। अत: Linux को किसी भी Machine पर आसानी से रन किया जा सकता है।
- Different Network Servers: Linux Operating System विभिन्न प्रकार के सर्वर से कनेक्ट करने की सुविधा देता है जैसे-
- FTP: File Transfer Protocol
- HTTP: Hyper Text Transfer Protocol
- SMTP: Simple Mail Tranfer Protocol
- Security: किसी भी Multiuser Environment में Security एक प्राथमिक जरूरती होती है। Linux OS किसी भी फाइल को Unauthorised Person द्वारा Access न किया जा सके इसके लिए High Level Security प्रदान करता है। इस OS में Administrator Network से जुड़े सभी Users को Access Permission Provide करता है। Linux OS के द्वारा विभिन्न Users को अलग-अलग Security Levels प्रदान किये जा सकते हैं। Administrator द्वारा दी जाने वाली File Access Permission मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं- Read, Write & Execution.
- GUI: Linux में भी इसका स्वयं का GUI Environment उपलब्ध रहता है अर्थात जिस तरह Windows में GUI Environment में कार्य किया जाता हैं उसी प्रकार Linux में भी Mouse के द्वारा GUI Environment में कार्य किया जा सकता हैं। Windows की तरह ही इसमें भी Notepad, Calculator, Paint Brush आदि उपलब्ध रहते हैं।
- Hardware Support: यह विभिन्न Hardware Devices को Support करता है। जिससे Computer System का आसानी से प्रयोग किया जा सके। जैसे- Mouse, Keyboard, Sound Card आदि।
- Reliability: Linux एक Reliable, Powerful तथा एक Secured Operating System है।
Linux में Shell क्या है?
Linux में Shell , यूजर और Kernel के बीच में Interface प्रदान करता है। जैसे आपने देखा होगा कि विंडोज में DOS होता है, जहां पर आप कई सारी Commands चलाते हैं, उसी तरह Linux में भी Shell में आप Commands को चला सकते हैं। Shell के माध्यम से आप यूजर Access Permission प्रदान कर सकते हैं।
Shell के प्रकार:-
- C-Shell
- Bourne Shell
- Korn Shell
- Z-Shell
- TCSH- Shell
File System of Linux:
किसी भी Operating System द्वारा Files तथा Directory को जिस तरह Manage किया जाता है वह File System कहलाता है। Linux में Hierarchical File Structure होता है। Linux में हर चीज File कहलाती है अर्थात कई सारी Dir तथा Hardware File System एक Dir से ही Start होता है जिसे root कहते हैं। Root Dir को (/) Forward Slash से प्रदर्शित किया जाता है। Root Dir के अन्दर कई सारी Home Dir तथा System Dir होती है जैसे usr, bin, lib etc. ये सभी Dir , Subdir कहलाती है। Linux में Separator के रूप में Forward Slash(/) का प्रयोग किया जाता है। Dir बनाने का मतलब सारी फाइलों को एक जगह स्टोर करना होता है।
- root: यह लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की मुख्य Dir होती है। अन्य सभी Dir इसी Dir के अन्दर बनाई जाती है। इसे (/) Forward Slash से Represent किया जाता है। इस पर Administrator ही काम कर सकता है।
- bin: यह सबसे Main Directory हैं। इस Dir में executable programme files होती है। Linux OS के सारे Commands इसी Dir में होते हैं। इसमें Information Binary Format में रहती हैं। सारे Commands की Executable Files, C Language में लिखी हुई होती है।
- dev(Device): इसमें विभिन्न Input/Output Devices जैसे- Printers, Disk Devices, keyboard etc.
- usr: इसमें Linux System से सम्बन्धित विभिन्न User की Dir होती है। ये Dir , System Administrator द्वारा उस समय बनाई जाती है जब वह विभिन्न User के Account Create करता है।
- tmp: इसमें विभिन्न प्रकार की Temporary Files स्टोर होती है। इसका extension .tmp होता है।
- etc: इसमें अन्य सभी प्रकार की Extra Directory Stored रहती है। यह Linux की Important Dir होती है। इसमें System Maintenance और Administrator से सम्बन्धित फाइलें होती हैं।
- lib: इस डायरेक्टरी में विभिन्न library Files Stored रहती हैं। जिनमें Reusable Function होते हैं जिन्हें प्रोग्राम में आवश्यक्तानुसार काम में ले सकते हैं।
Versions of Linux:
- Fedora Core
- Mandrake Linux
- Slackware Linux
- Debian Linux
- Suse Linux
- Red Hat Enterprise Linux
- Gentoo Linux
- Ubuntu Linux
- Mint
- OpenSUSE
- Arch
Hardware Requirements of Linux:
- Processor: 64-bit dual core required
- RAM: 4 GB (Recommended)
- Disk Space: 50GB of HDD or SSD
- Monitor: LED, LCD, TFT any
- Standard Mouse
- Mouse
- NIC Card(Network Interface Card)
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