What is Keyboard | कीबोर्ड क्या है?
कीबोर्ड क्या है?
दोस्तों कीबोर्ड के बारे में लगभग सभी जानते हैं चाहें वह कंप्यूटर का कीबोर्ड हो या फिर मोबाइल का । लेकिन यहां पर केवल कंप्यूटर के कीबोर्ड के बारे में ही बात करेंगें। Keyboard कंप्यूटर के Input Device में से सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला Device है। कीबोर्ड से पहले लोग Typewriter पर ही टाइप करते थे। कीबोर्ड को पुराने Typewriter के डिजाइन को ध्यान में ऱख कर ही बनाया गया है। इसमें काम करने के लिए स्विच और सर्किट होते हैं। कीबोर्ड में नीचे सर्किट बने होते हैं और उसी के ऊपर कुछ बटन बने होते हैं। जिसे Keys कहते हैं और इन Keys को भी 5 भागों में बांटा गया है।
- अल्फाबेट कीज (Alphabet Keys) : A, B,C to Z इत्यादि।
- न्यूमेरिक कीज (Numeric Keys): 0,1,2,3,4,5,6,7,8,9 इत्यादि।
- फंक्शन कीज (Function Keys): F1 to F12 तक इत्यादि।
- ऐरो कीज (Arrow Keys): Up, Down , Left, Right इत्यादि।
- कमांड कीज (Command Keys): जैसे Insert, Delete, End, Ctrl, Alt, Shift, Tab इत्यादि।
दोस्तों, कीबोर्ड के कई तरह के लेआउट होते हैं उनमें से एक है QWERTY। ज्यादातर कीबोर्ड को QWERTY कीबोर्ड कहा जाता है। कीबोर्ड का ये नाम कीबोर्ड की Alphabet बटन की सबसे ऊपर वाली लाइन के पहले 6 अक्षरों से लिया गया है। कीबोर्ड एक Input Device है। कीबोर्ड की सहायता से किसी भी प्रकार का टाइपिंग का कार्य किया जा सकता हैं जैसे MS Word में कोई लेटर टाइप करना हो आदि। कुछ कीबोर्ड में शॉर्टकट बटन भी बने होते हैं, इससे आप गेम भी खेल सकते हैं, इनके अलावा भी बहुत से ऐसे काम हैं जों कीबोर्ड की मदद से आसानी से किये जा सकते हैं। कीबोर्ड के बटन को Keycaps भी कहा जाता है। ज्यादातर कीबोर्ड में 104 से 110 बटन होते हैं।
कीबोर्ड कैसे काम करता है?
कीबोर्ड Input Device के साथ-साथ एक Hardware Device भी है और कीबोर्ड के पास अपना एक खुद का Processor और Circuit होता है, यह सर्किट एक Key Matrix बनाते हैं जिनकी मदद से यह दबाये बटन की सारी जानकारी को कीबोर्ड प्रोसेसर तक पहुंचाते हैं। Key Matrix का सर्किट जालीदार होता है। हर बटन के नीचे एक सर्किट टुटा हुआ होता है और जब भी आप किसी बटन को दबाते हैं तो उसके नीचे लगा स्विच उस सर्किट को पूरा करता है और इस तरह से कीबोर्ड में हल्की सी विद्युत का बहाव होता है। जब आप किसी बटन को दबाते हो तो उससे झनझनाहट (Vibration) पैदा होता है, जिसे बाउंस कहा जाता है। जब कीबोर्ड प्रोसेसर को एक पूर्ण सर्किट मिल जाता है तो ये ROM में एक कैरेक्टर चार्ट बनता है। ये प्रोसेसर को बताता है कि कौन सा बटन दबाया गया है और वो बटन कहां स्थित है।
कीबोर्ड को कंप्यूटर से कैसे जोड़ें
सामान्यत: Keyboard को तीन तरीके से जोड़ सकते हैं:
- PS/2
- USB
- Wireless
लैपटॉप में Internal connector होते हैं और उसी के आधार पर लैपटॉप का कीबोर्ड काम करता है। इनके अलावा कीबोर्ड को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए Wireless Keyboard का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो इन्फ्रारेड (Infrarred) या फिर Radio Frequency पर काम करते हैं। चाहे आपका कीबोर्ड Radio Frequency पर काम करे या फिर Infrarred पर लेकिन उन्हें कंप्यूटर से जुड़ने के लिए एक रिसीवर की जरूरत तो होती ही है। ये रिसीवर या तो कीबोर्ड में ही Inbuilt होता है । आपको इसके कंप्यूटर के साथ एक USB पोर्ट के सहारे जोड़ा जाता है, ताकि कंप्यूटर Keyboard में या तो AC पॉवर होती है या फिर वे बैटरी पर काम करते हैं।
जब भी आप Wireless Keyboard पर कोई बटन दबाते हैं तो उससे कुछ सिग्नल निकलते हैं जिन्हें कंप्यूटर का Keyboard Controller पकड़ता है। कंप्यूटर के अंदर लगी IC(Integrated Circuit) कीबोर्ड के द्वारा भेजी गई सारी डाटा को प्रोसेस करती है और उसे Operating System के पास भेजती है। तब वहां से ऑपरेटिंग सिस्टम सारी डाटा को जांच कर, उस ऐप्लीकेशन को भेजता है जहां आप काम कर रहे होते हो। और इस तरह आप अपने वायरलेस कीबोर्ड के साथ जोड़ कर काम कर पाते हो।
कीबोर्ड के प्रकार
कीबोर्ड के प्रकार उसके इस्तेमाल के अनुसार अलग-अलग तरह के होते हैं। कंप्यूटर और लैपटॉप के Keyboards के अलावा Gaming, Ergonomic, Thumbsize, Numeric Keyboard इत्यादि भी होते हैं। इसके अलावा भी बहुत टाइप के कंप्यूटर कीबोर्ड होते हैं जैसे Foldable, Laser/Infrarred व Chorded कीबोर्ड। कीबोर्ड को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए भी अलग-अलग तरीके होते हैं जैसे PS/2 और USB.
Laptop Keyboard:
यह QWERTY वर्जन कीबोर्ड होता है। लैपटॉप छोटा होता है और उस में जगह कम होती है इसलिए यह
थोड़ा सा छोटा होता है। लेकिन कुछ एक्सट्रा बटन जैसे पॉवर बटन, वॉल्यूम बटन, प्ले बटन, रिवाइंड बटन, म्यूट बटन आदि भी होते हैं।
एर्गोनोमिक (Ergonomic) कीबोर्ड:
यह साधारण कीबोर्ड से अलग दिखाई देते हैं। इसमें बटन के लिए दो सेट होते हैं और दोनो सेट के बीच थोड़ी जगह होती है। इसके आलावा इसमें दो स्पेस बटन होते हैं। जो आपके दोनों अंगूठों के ठीक नीचे होते हैं। इन कीबोर्ड का इस्तेमाल वो लोग करते हैं जिन्हें कीबोर्ड पर बहुत काम करना होता है साथ ही साथ हाथ को आराम देते हैं।
ADB(Apple Desktop Bus):
इसको कंप्यूटर से जोड़ने के लिए आपके कंप्यूटर में एक खास तरह के पोर्ट का होना बहुत आवश्यक है, जो ज्यादातर एपल के लैपटॉप और कंप्यूटर के साथ लगा हुआ आता है। इस पोर्ट को ADB जैक ही कहा जाता है।
Membrane Keyboard :
इन कीबोर्ड का इस्तेमाल ज्यादातर प्रिंटर और फोटोकॉपी करने के लिए किया जाता है। इनमें प्लास्टिक की 2 परत होती है। जो एक दूसरे के बिलकुल सामानांतर होती है। ऊपर वाली परत पर चिन्ह होते हैं जैसे कि अल्फाबेट, नंबर इत्यादि और नीचे वाली परत पर कुछ विद्युत से चलने वाली पट्टी होती है । जब किसी बटन को दबाते हैं तो ऊपर वाली परत नीचे वाली परत से जाकर टकराती है और इससे एक आवाज निकलते ही साथ में सिग्नल मिलते हैं जिनके आधार पर कीबोर्ड काम करता है।
Scissor Switch Keyboard:
इनका इस्तेमाल सबसे अधिक होता है। इनके बटन प्लास्टिक के होते हैं। जब इन्हें दबाते हैं तो कुछ समतल से महसूस होते हैं और फिर कीबोर्ड ड्राइव दबाये गए बटन की सारी जानकारी को कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम तक पहुंचता है।
Direct Switch Keyboard:
इस तरह के कीबोर्ड को फोन में देख सकते हैं। इनमें कुछ मेटल कंडक्टर लगे होते हैं, जिन्हें प्लास्टिक की परत से ढक दिया जाता है और उस प्लास्टिक के ऊपर चिन्ह डाल दिए जाते हैं। लेकिन उन कंड्क्टर के नीचे लगी प्लेट सोने की बनी होती है जो विद्युत को ज्यादा अच्छी तरह से कंडक्ट करती है। किसी बटन को दबाते ही सोने की प्लेट एक सर्किट को पूरा करती है और जिससे दबाए गए बटन से सारी जानकारी स्क्रीन पर आ जाती है।
Arc Keyboard:
यह दिखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। इसमें सामान्य रूप से दिए गए एरो बटन नहीं होते बल्कि एक ही बटन में चारो एरो बटन होते हैं। जिसको ऊपर , नीचे दाए और बाए दबाया जाता है।
Compact Keyboard:
ये पतले होते हैं। साथ ही इनमें अलग से नंबर बटन नहीं होते हैं। इनका ज्यादातर इस्तेमाल लैपटॉप कीबोर्ड के रूप में किया जाता है। इन कीबोर्ड में एक बटन को एक से ज्यादा काम करने के लिए बनाया जाता है।
Internet Keyboard:
इंटरनेट की वजह से ही ज्यादातर व्यक्ति कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। इन कीबोर्ड में कुछ खास बटन दिए होते हैं।
जैसे हॉट बटन, जिसका इस्तेमाल इंटरनेट से संबंधित काम के लिए किया जाता है। हॉट बटन में गूगल सर्च, यूट्यूब,बुकमार्क आदि बटन आते हैं। इनकी मदद से इंटरनेट को आसानी से चला पाते हैं।
Gaming Keyboard:
गेमिंग कीबोर्ड भी नार्मल कीबोडर्स के जैसे ही होते हैं लेकिन इनमें कुछ अतिरिक्त की दिए हुए होते हैं इस कीबोर्ड का इस्तेमाल गेम खेलने के लिए किया जाता है और इसे गेम के फीचर को ध्यान में रख कर ही बनाया जाता है। जिससे गेम खेलते समय गेम का पूरी तरह से मजा लिया जा सके। इनमें गेम से संबंधित कुछ खास फीचर दिए जाते हैं जैसे वॉल्यूम कंट्रोल बटन , लाइटिंग , इनबिल्ट जोस्टिक, फैंसी लाइट इत्यादि।
Laser or Infrared Keyboard:
कंप्यूटर की दुनिया में ये लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है। स टेक्नोलॉजी से कीबोर्ड लाइट के रूप में LT Surface में प्रोजेक्ट हो जाता है। इसकी लाइट प्रोजेक्ट होने से टेबल या डेस्क पर ही ये बन जाता है। टेबल या डेस्क पर बने कीबोर्ड में ही आप टाइप कर के वर्ड्स को कंप्यूटर में इनपुट कर सकते हैं। वैसे ये टेक्नोलॉजी अभी डेवलपिंग स्टेज में है इसीलिए इस का रेगुलर उपयोग नहीं हो रहा है।
Rollup Keyboard:
Rollup सफर में इस्तेमाल होने वाला सबसे अच्छा कीबोर्ड है। इसे आप रोल कर के रख सकते हैं। इसके Rollup होने की वजह से इसे carry करना बहुत ही आसान हो जाता है। यह नार्मली Silicon और Polyurethane मटेरियल स बना हुआ होता है। इस मटेरियल का यही फायदा है आप इसे Rollup कर सकते हैं लेकिन इसे फोल्ड नहीं करना है इससे सर्किट डैमेज होने का खतरा होता है।
Keyboard Layout
Layout का मतलब अगर आप जानते होंगें तो आपक को समझ में आ ही गया होगा की Layout क्या है । अलग अलग लैंग्वेज के हिसाब से इस की स्ट्रक्चर या बनावट को भी अपने हिसाब से बनाया जाता है। बटन्स को अपने हिसाब से अलग अलग तरीके से प्लेस कर दिया जाता है। आजकल बहुत से Layout उपलब्ध हैं जैसे QWERTY, QWERTZ, AZERTY, DVORAK लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा QWERTY का इस्तेमाल किया जाता है। इन Layout के बारे में भी जान लेते हैं।
QWERTY: Alphabets के पहली लाइन के पहले 6 शब्द ही QWERTY हैं। ये ऐसा Layout है जो दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं। यहां तक की आप हर मोबाइल और टेबलेट में भी इस layout को देख सकते हैं।
QWERTZ: QWERTY Layout से QWERTZ Layout में बस इतना फर्क है कि इसमें Y शब्द को Z शब्द की जगह बदला गया है। इसीलिए इसे Keyzboard भी कहा जाता है।
AZERTY:टाइपराइटर और कंप्यूटर कीबोर्ड पर लैटिन Alphabet के लिए AZERTY एक स्पेशल Layout माना जाता है। इसे सबसे ज्यादा फ्रेंच लोग प्रयोग करते हैं।
DVORAK: इस प्रकार के कीबोर्ड लेआउट का प्रयोग ज्यादातर विदेशों में किया जाता है। इस प्रकार के कीबोर्ड को बनाने का कारण अंगुली movement कम करना हैं ये कीबोर्ड AZERTY से ज्यादा अपग्रेड और उन्नत भी हैं। ज्यादातर नई टेक्नोलॉजी या वैज्ञानिक अनुसंधान में प्रयोग किया जाता है। इसकी टाईपिंग स्पीड बहुत तेज होती है।
Keys कितने प्रकार के हैं
इसमें बहुत सारे Alphabetical letters, Numerical numbers, symbols और Commands होते हैं। हर Keys किसी न किसी खास केटेगरी से जुड़ा हुआ होता है। कुछ बोर्ड्स Special Keys का उपयोग करते हैं लेकिन कुछ बिना Special Keys ही होते हैं। लेकिन सभी में एक जैसा Alphanumerical Keys जरूर होते हैं।
कीबोर्ड की प्रत्येक key का अलग-अलग कार्य होता है इसी के आधार पर टाइपिंग keys को 6 भागों में विभाजित किया गया है।
- Function Keys
- Typing Keys
- Control Keys
- Navigation Keys
- Indicator Lights
- Numeric Keypad
Function Keys
फंक्शन की का प्रयोग हमेशा विशेष कार्य के लिए करते हैं। जैसे multimedia, system booting process, system referesh करने के लिए किया जाता है तथा F5 Key के प्रयोग से सिस्टम refresh करनें के लिए किया जाता है और F12 का प्रयोग सिस्टम को फार्मेंटिंग करते समय booting Process करने के लिए किया जाता है। Function Keys कीबोर्ड के टॉप लाइन में होती है। Function Keys F1 से लेकर F12 तक होती हैं।
Typing Keys
कंप्यूटर में Typing Keys का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है टाइपिंग Keys में अल्फाबेटिक और न्यूमेरिक शामिल रहते हैं alphabet का मतलब A से Z टेक्स्ट तथा Numeric का मतलब 0 से 1 तक नंबर हैं। A से Z तक टेक्स्ट का प्रयोग कोई document या लेटर लिखने में करते हैं और 0 से 1 numbers का प्रयोग मैथमैटिकल कैलकुलेशन करने में करते हैं इन दोनो को हम Alphanumeric के नाम से जानते हैं । इनके साथ साथ कीबोर्ड में कुछ विशेष प्रकार के बहुत सारे Symbol तथा Punctuation Word भी include रहते हैं। इनका प्रयोग भी टाइपिंग करते समय Document को और आकर्षित बनाने के लिए किया जाता है।
कुछ टाइपिंग keys तथा उनका प्रयोग
Tab key: टैब की का प्रयोग स्पेस बार की तरह किया जाता है। अगर हमें टेक्स्ट डॉक्यूमेंट में एक लम्बा स्पेस चाहिए हो तो हम टैब की का प्रयोग करते हैं। इस टैब का स्पेस, स्पेस बार से 3 से 4 गुना होता है। जब हमें टेक्स्ट डॉक्यूमेंट टाइप करते समय ज्यादा स्पेस चाहिए हो तो उस समय टैब की का प्रयोग किया जाता है।
Caps Lock Key: जब हमें टेक्स्ट डॉक्यूमेंट में टेक्स्ट को Uppercase (Capital Letter) में टाइप करना हो तो कीबोर्ड से Caps Lock Button press करते हैं। इसके बाद हम जो भी टाइप करते हैं वह टेक्स्ट uppercase में टाइप होता है। Caps lock को off करने के बाद फिर से सारे टेक्स्ट lowercase में टाइप होने लगता है। इसे lowercase वर्ड से uppercase वर्ड Conversion भी कहते हैं।
Shift key: हमारे कीबोर्ड की दूसरी लाइन में 1 से 0 तक के Number दिए रहते हैं और इन Digits के साथ कुछ Symbol दिए भी होते हैं। Number Keys के ऊपर Symbols का प्रयोग करने के लिए हम Shift की का इस्तेमाल करते हैं। जब कभी हमें डॉक्यूमेंट में स्पेशल Character या Symbol लगाना हो तो उस समय हम Shift Key का प्रयोग करते हैं। ठीक इसी तरह जब हम डॉक्यूमेंट टाइप करते समय अगर हम Shift के साथ a को Press करते हैं तो Capital A टाइप होता है। अगर हम बिना Shift के a को Press करते हैं तो small letter में टाइप करता है।
Space bar: स्पेस बार कीबोर्ड मे सबसे बड़ी Key होती है। इसका प्रयोग टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को टाइप करते समय दो शब्दों के बीच में स्पेस देने के लिए किया जाता है।यह कीबोर्ड में सबसे नीचे लाइन में होती है।
Enter key: जब हम कोई टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को टाइप करते हैं तो एक लाइन टाइप होने के बाद दूसरी लाइन पर आने के लिए इस Key का प्रयोग किया जाता है। अगर हमें किसी टाइप की गई लाइन को नीचे लाना है तो उसके लिए भी Enter Key का प्रयोग किया जाता है तथा माउस प्वाइंटर के कर्सर को किसी टेक्स्ट के बीच में रखकर Enter करते हैं तो उसके बाद के सारे टेक्स्ट दूसरी लाइन पर जा जाते हैं।
Backspace: जब टेक्स्ट को टाइप करते समय हटाना हो तो उसके लिए हम बैकस्पेस की का प्रयोग करते हैं इसका प्रयोग सिर्फ टेक्स्ट को दांए से बांए(Right to Left) के अक्षरों को धीरे-धीरे हटाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग हम टेक्स्ट को select करके हटाने के लिए भी कर सकते हैं। इसमें माउस प्वाइंटर को हम जिस टेक्स्ट के बीच में रखते हैं तो यह टेक्स्ट को दांए साइड से बांए साइड के अक्षरों को हटाना शुरू करता है।
Control keys:
कंट्रोल Keys का मतलब कीबोर्ड की Keys को कंट्रोल तथा उनका सही से प्रयोग करना तथा ये एक विशेष प्रकार की Keys होती हैं। जिन्हें दूसरी Keys के साथ में प्रयोग किया जाता है। कंप्यूटर कीबोर्ड में Ctrl Key, Alt Key, Shift Key, Esc key , Window Key इन सभी keys का प्रयोग किसी टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को manage करने तथा modify करने के लिए किया जाता है।
इन keys का प्रयोग टेक्स्ट डॉक्यूमेंट टाइप करते समय दूसरी keys के साथ में Press करते हैं। इन सबके अलावा और भी कुछ Keys होती है जो कि control keys का काम करती हैं जैसे page break , up, scroll keys, menu key, printScr इन सबका प्रयोग टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को टाइप करते समय टेक्स्ट और paragraph को सही से arrangement तथा formatting करने के लिए किया जाता हैं।
कुछ कंट्रोल keys तथा उनका प्रयोग:
Esc Key: इस key का प्रयोग किसी भी Command या Popup Window को cancel करनें के लिए किया जाता है इसे हम Escape key के नाम से भी जानते हैं। यह कीबोर्ड में सबसे ऊपर की लाइन की पहली key होती है।
Ctrl key: इसे हम कंट्रोल key के नाम से जानते हैं इसका प्रयोग हम टेक्स्ट डॉक्यूमेंट टाइप करते समय Shortcut create करनें के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग हमेशा दूसरी key के साथ में किया जाता है इनको कभी अकेले प्रयोग नहीं किया जाता है जैसै हमें कोई टेक्स्ट डॉक्यूमेंट सिलेक्ट करना है तो उसके लिए शॉर्टकट Ctrl+A को एक साथ Press करने से हमारा पूरा टेक्स्ट डॉक्यूमेंट select हो जाएगा और भी बहुत सारी शॉर्टकट की होती है जिनसे हमारा टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को टाइप करने में आसानी होती है और समय की भी बचत होती है।
Alt Key: Alt key का प्रयोग भी Ctrl Key की तरह कीबोर्ड शॉर्टकट create करने के लिए किया जाता है तथा इसे Alter Key के नाम से जानते हैं।
Window Key: इस key का प्रयोग window operating सिस्टम को ऑपरेट करने या स्टार्ट करने के लिए किया जाता है यह key कीबोर्ड में सबसे नीचे Ctrl और Alt key के बीच में दिखाई देती है।
Menu Key: इस key का प्रयोग हम माउस के राइट क्लिक करके जो dropdown लिस्ट ओपन होती है ठीक इसी प्रकार यह एक dropdown लिस्ट open करती है।
Print Screen: इस key का प्रयोग कंप्यूटर screen का Screenshot लेने के लिए किया जाता है इस key की सहायता से हम किसी भी Document, Screen या Video का स्क्रीनशॉट यानी pictures ले सकते हैं।
Navigation Keys
नेविगेशन keys का प्रयोग ज्यादातर टेक्स्ट डॉक्यूमेंट यानी MS Word में टाइपिंग के समय करते हैं। Navigation Keys की मदद से डॉक्यूमेंट(Text) में इधर-उधर जाने के लिए किया जाता है इसमें कुछ Navigation Keys होती हैं जैसे Arrow Keys, Home Keys, Pageup Keys, Pagedown Keys, Insert, Delete आदि। जिनकी मदद से हम डॉक्यूमेंट में ऊपर से नीचे तथा दायें से बायें कहीं भी जा सकते हैं।
कुछ Navigation Key तथा उनके प्रयोग
Arrow Key: Arrow key का प्रयोग ज्यादातर टेक्स्ट डॉक्युमेंट में left और right तथा up और down जाने के लिए किया जाता है। इन Arrow Keys की सहायता से हम डॉक्यूमेंट में इधर उधर कहीं भी जाकर word को edit कर सकते हैं। हम webpage की किसी भी लाइन पर आसानी से जा सकते हैं। यह कीबोर्ड में सबसे नीचे चार तीर के निशान जैसे दिखाई देते हैं।
Home Key: Home Key का प्रयोग हम डॉक्युमेंट के शुरुआत में पहुंचने के लिए किया जाता है यानी हम ऐसे कह सकते हैं कि हम webpage या डॉक्यूमेंट में कहीं भी काम कर रहें हो तो हो तो होम key press करके एकदम से लाइन के starting में आ जाते हैं।
End Key: End Key का प्रयोग माउस के pointer को एकदम से Document के सबसे लास्ट में लाने के लिए किया जाता है इसकी सहायता से हम webpage या Document में आसानी से सीधे नीचे जाते हैं।
Insert Key: Insert Key का प्रयोग हम टेक्स्ट डॉक्युमेंट को टाइप करते समय करते हैं। यह missing character को find out करता है और यदि insert key off है तो वर्ड को overwrite कर देता है। इसको एक प्रकार से spelling चेकिंग key भी कह सकते हैं।
Delete Key: Delete Key का प्रयोग टेक्स्ट डॉक्युमेंट को टाइप करते समय गलत टेक्स्ट को हटाने के लिए किया जाता है। इसके लिए माउस pointer को, टेक्स्ट डॉक्युमेंट में, जिस टेक्स्ट को हटाना हो वहां पर कर्सर को रख देते हैं और जैसे ही डिलीट keyको press करते हैं तो टेक्स्ट के बांए साइड से दांए साइड के टेक्स्ट को हटाने लगता है। यानि यह सिर्फ टेक्स्ट के आगे वाले अक्षरों को ही हटाना प्रारंभ करता है।
Page Up Key: इस key का प्रयोग हम webpage या टेक्स्ट डॉक्यूमेंट में सबसे top यानि ऊपर पहुंचने के लिए किया जाता है। यदि हम कोई भी वेबपेज में काम कर रहें हैं और हमें webpage में ऊपर जाना है तो हम pageup key की सहायता से ऊपर जा सकते हैं।
Pagedown Key: इस key का प्रयोग pageup key से उल्टा होता है यानि जब हमें webpage में ऊपर से नीचे आना हो तो pagedown keyका प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए माउस pointer को webpage के टॉप पर रख कर छोड़ दीजिए उसके बाद pagedown key press कीजिए तो हम एकदम से page के last में आ जाते हैं।
Indicator Lights
Indicator Lights का प्रयोग कीबोर्ड में किसी भी function को on और off करने का संकेत देता है इसमें कुछ indicator lights होती हैं जैसे Caps Lock, Num Lock, Scroll lock कीबोर्ड में जब numeric key को press करते हैं तो numeric keypad on हो जाता है तथा कीबोर्ड में ऊपर लाइट जलने लगती है इसके बाद हम numeric नंबर को टाइप कर सकते हैं जब हमें word को कैपिटल यानि uppercase में लिखना हो तो caps lock on करना पड़ता है जिससे हम कोई कीबोर्ड से टेक्स्ट टाइप करते हैं तो वह uppercase में टाइप होना स्टार्ट हो जाता है ठीक इसी प्रकार scroll को lock करना हो तो हम scroll lock on करते हैं जिससे हम पेज को आसानी के scroll कर सकते हैं।
Numeric Keypad
Numeric Keys का प्रयोग हम Subtration, Addition, division, percentage ये सभी mathematical calcualtion करने के लिए किया जाता है। इन्हें हम calcualtion keypad के नाम से जानते हैं इसका प्रयोग सिर्फ numeric digit टाइप करने के लिए किया जाता है।
दोस्तों यह पोस्ट आपको कैसा लगा। अगर यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक व शेयर करना न भूलें ताकि दूसरों तक भी यह जानकारी पहुंच जाए।
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