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Program Files Vs Program Files(x86) in Windows: विंडोज में Program Files और Program Files(x86) फोल्डर क्यों होते हैं?

विंडोज में “Program Files” और “ Program Files(x86)” के बीच में क्या अन्तर है?

दोस्तों, आप जब भी अपने कंप्यूटर में C:\ Drive खोलते हैं तो उसमें आपने दो फोल्डर जरूर देखे होगें। पहला Program Files और दूसरा Program Files(x86) का। तो आज के इस पोस्ट में हम इन्ही दो फोल्डरों के बारे में बात करेंगं कि आखिर ये दो फोल्डर किसलिए होते हैं। सबसे पहले Microsoft ने अपने Windows Operating System के 32-बिट और 64-बिट के दो वर्जन launch किए थे। यदि आपके पीसी में Microsoft Windows का 64-बिट वर्जन हैं, तो आपको Program Files के दो अलग-अलग फोल्डर्स दिखाई देंगें:  पहला आपका सामान्य Program Files Folder और दूसरा Program Files(x86) नाम का एक नया फोल्डर। अब 64-बिट विंडोज के इन दोनों प्रोग्राम फोल्डर्स(32-बिट और 64-बिट) की जरूरी क्यों पड़ती है।

Folder Program Files Program Files(x86) computer C Drive Folder settings Folder maintain

दोनो Folders के बीच अन्तर समझें

आपको बता दें कि 64-बिट Instructions वाले प्रोग्राम को पीसी  32-बिट CPU  के द्वारा पढ़ा नहीं जा सकता है , लेकिन एक 32-बिट प्रोग्राम को 64-बिट CPU पढ़ सकता है।

पहले Windows केवल 32-बिट Operating System के रूप में उपलब्ध था और यहां तक कि विंडोज 10 के 32-बिट वर्जन पर भी केवल एक C:\Program Files का फोल्डर होता है।

यह Program Files, फोल्डर द्वारा  निर्धारित लोकेशन होते  हैं  जहां आपके द्वारा Install किए गए प्रोग्राम के Executable, डाटा और अन्य फाइल्स को स्टोर किया जाता है।

Windows  के 64-बिट वर्जन पर, 64-बिट Application Program,  Program Files फोल्डर में Install होते हैं। यद्यपि विंडोज का यह 64-बिट वर्जन,  32-बिट प्रोग्राम को भी सपोर्ट करता है और यह नहीं चाहता कि 32-बिट और 64-बिट सॉफ्टवेयर एक ही जगह मिक्स हो जाए। इसलिए 32-बिट प्रोग्राम, Program Files फोल्डर के बजाय C:\Program Files(x86) में Install होते हैं।

इन फोल्डर्स में क्या स्टोर होता है?

आपके पीसी में Windows के 32-बिट वर्जन पर केवल “C:\Program Files” फोल्डर होता है। जिसमें आपके द्वारा सभी 32-बिट के Install  किए हुए प्रोग्राम होते हैं। जबकि Windows के 64-बिट पर, 64-बिट प्रोग्राम तो “C:\Program Files” फोल्डर में स्टोर होते हैं जबकि 32-बिट वाले प्रोग्राम “C:\Program Files(x86)” फोल्डर में स्टोर होते हैं।

दोनो Folders की आवश्यकता क्यों होती है?

जब भी हम 64-बिट वाले कंप्यूटर पर कोई प्रोग्राम Install करते हैं, तो उसका Operating System 64-बिट के लिए अलग से फोल्डर बना लेता है जिसमें केवल 64-बिट वाले ही प्रोग्राम ही आ सकते हैं। जब कोई 32-बिट वाला सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम, 64-बिट वाले का कंटेट प्रयोग करने की कोशिश करता है इसमें कुछ समस्या आती है क्योंकि 32-बिट वाला प्रोग्राम यह नहीं जानता कि Windows को 64-बिट वर्जन भी मौजूद है। इसी कारण से उनके क्रॉस करने के कारण समस्या आती है।

जैसे मान लीजिए कि कोई 32-बिट वाला सॉफ्टवेयर है और उसे *.dll वाली फाइल चाहिए लेकिन उसे फाइल मिल तो जाती है लेकिन वह 64-बिट वाले फोल्डर में परन्तु इसके बावजूद 32-बिट वाला सॉफ्टवेयर उस *.dll वाली फाइल को रन नहीं करा पाएगा। वह बीच में क्रॉस करने लगेगी।

जैसे मान लीजिए कि Windows में केवल एक ही Program Files  का फोल्डर होता और आपने 32-बिट वाला Microsoft Office इन्सटॉल किया है, तो यह अपनी DLL  फाइल को C:\Program Files\Microsoft Office\  में खोजेगा और यदि आपने 64-बिट Microsoft Office Install किया है तो यह  DLL  वाली फाइल को C:\Program Files(x86)\Microsoft Office  में ही खोजेगा लेकिन ये वाली फाइल नहीं  मिलेगी जिसकी वजह से यह उस फाइल को क्रैश भी कर सकता है या फिर कहो ठीक तरीके से काम ही न करे। इसीलिए 32-बिट वाले सॉफ्टवेयर के लिए अलग फोल्डर होता है और 64-बिट वाले सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के लिए अलग फोल्डर होता है।

32-बिट वाले फोल्डर का नाम (x86) ही क्यों रखा गया

  • आरंभिक कंप्यूटर ने Intel 8086 चिप का उपयोग किया था।
  • 1980 के दशक के अंत में Chips 32-बिट होने पर भी कंप्यूटर 8086 कोड और x86 मॉडल नंबर का उपयोग करते थे।
  • नंबर 86 अब x64 के पहले के कोड को देखता है, चाहे कंप्यूटर 16-बिट या 32-बिट का हो।
  • अब 16-बिट x86 कोड, विंडोज के 64-बिट वर्जन में रन नहीं होता है।
  • नए 64-बिट Architecture को x64 कहा जाता है इसी प्रकार 32-बिट Architecture को x86 कहा जाता है।

एक 64-बिट वाला सॉफ्टवेयर 32-बिट वाले कंप्यूटर में Install नहीं हो सकता परन्तु 32-बिट वाले सॉफ्टवेयर 64-बिट वाले कंप्यूटर में आसानी से Install हो जाता है। सॉफ्टवेयर Program Files या Program Files(x86) कहां पर स्टोर हो रहे हैं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विंडोज स्वंय ही सॉफ्टवेयर सही फोल्डर में Install  कर लेता है। सॉफ्टवेयर कहीं भी Install हो लेकिन आपको Start Menu में सभी दिखाई देंगें। यदि आप कोई नया सॉफ्टवेयर Install  करना चाहते हैं तो Installation के समय लोकेशन System को ही तय करने दें कि उसे सॉफ्टवेयर कहां पर Install  करना है।

कैसे पता करें कि आपका कंप्यूटर 32-बिट का है या 64-बिट का:-

  • अगर आपक विंडोज 11 पर हैं तो आपके Desktop पर PC का Icon दिखाई देगा तो उस Icon पर जाकर राइट क्लिक करें।
  • उसके बाद सबसे नीचे Properties पर Click करें।
  • यहां आपको System Type में दिखाई देगा कि आपका सिस्टम किस टाईप का है।

अगर Desktop पर PC  न दिखाई दे तो:

  • नीचे Search पर PC को सर्च करें।
  • उसके बाद आपको View Your PC Name दिखाई देगा।
  • वहां क्लिक करें।
  • यहां भी आपके System Type में दिखाई देगा कि आपको सिस्टम किस टाईप का है।

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