Networking Question and Answers Part 2| नेटवर्किंग प्रश्न व उत्तर भाग-2
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नमस्कार दोस्तों, दोस्तों यह नेटवर्किंग का भाग 2 है। आज के इस पोस्ट में हम नेटवर्किंग से सम्बन्धिक प्रश्नों के बारे में बात करेंगें। यह प्रश्न आपके कई सारे प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये हैं। जैसे CCC, ‘O’ Level, Bank Clerk,, Bank PO, SSC इत्यादि। यह प्रश्न आपके बहुत काम आने वाले हैं। नीचे सारे प्रश्नों के उत्तर देखने के लिए आपको ‘+’ पर क्लिक करना होगा।
फाइल सर्वर के जरिए क्लाइंट(पीसी) किसी नेटवर्क पर File Documents के लिए फाइल सर्वर को Request भेजता है। इस सर्वर का प्रयोग Document, Images, इंजीनियरिंग से सम्बन्धित चित्र और दूसरे बडे डेटाबेसों का साझा भंडार बनाने के लिए किया जाता है।
Database Server के जरिए क्लाइंट SQL(Structured Query Language) रिक्वेस्ट को संदेश के रूप में डेटाबेस को भेजता है। हर SQL Command के परिणाम नेटवर्क पर वापस कर दिए जाते हैं। SQL Request को प्रोसेस करने वाला कोड और डेटा एक ही मशीन में रहते हैं।
World Wide Web पहला विश्वव्यापी Client/Server एप्लीकेशन है। वेब सर्वर की सहायता क्लाइंट विश्व के किसी भी कोने में बैठ कर किसी भी वेब पेज की रिक्वेस्ट कर सकता है। क्लाइंट और सर्वर HTTP और RPC जैसे प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हुए आपस में कम्यूनिकेट करते हैं। प्रोटोकॉल कई सारे नियमों का समूह होता है।
डेटा स्विच एक ऐसा उपकरण होता है जो Terminals, Computers आदि को Main Computer से जोड़ता है। स्विच में, 5,8,10,16,24,28,48 और 52 पोर्ट होते हैं।
वैन लगाने के लिए जरूरी उपकरण Bridge, Switch, Router, Gateways आदि है। इनका चुनाव अपनी जरूरत के हिसाब से किया जाता है। जैसे Bridge का इस्तेमाल दो या दो से अधिक नेटवर्कों को जोड़ने के लिए किया जाता है। वैन के क्षेत्र में इन दिनों Switches का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।
गेटवे एक तरह से superior intelligence वाला Router है। यानि Router के ही कार्यों को करने की इसकी क्षमता व कुशलता ज्यादा है। मान लीजिए आपके पास ऐसा नेटवर्क है, जिसके खण्ड अलग-अलग प्रकार के हैं। यदि एक खण्ड Machintosh Computers का है तो दूसरा DEC Mainframe System का है इनके बीच नेटवर्किंग के लिए गेटवे का इस्तेमाल करना चाहिए। गेटवे एक कम्प्यूटर होता है जिसमें खास हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर लगे होते हैं।
Routers का इस्तेमाल आमतौर पर बड़े संगठनों में होता है, जहां नेटवर्क से बड़ी संख्या में यूजर जुड़े होते हैं। Routers को उन्हीं नेटवर्कों में लगाने की सलाह दी जाती है जहां सूचनाओं का ज्यादा आदान-प्रदान होता है और जहां नेटवर्क ज्यादातर समय व्यस्त रहता है।
इस Ethernet नेटवर्क के अंतर्गत ज्यादा उच्च गति के साथ डेटा ट्रांसमिशन का कार्य होता है और इसे IEEE 802.3 स्तर प्रदान किया गया है। इसकी स्टैंडर्ड गति 10 MBPS से लेकर 100MBPS तक हो सकती है।
Fast Ethernet को तीन प्रकार से प्रयोग किया जाता है। यह प्रकार हैं- 100Base-TX इसे लेवर 5UTP केबल के साथ प्रयोग किया जाता है। 100Base-FX, इसे फाइबर ऑप्टिक केबल के साथ प्रयोग किया जाता है। 100Base-T4 , इसे लेवल 3 की UTP केबल के साथ दो अतिरिक्त तारों का प्रयोग करके इस्तेमाल किया जाता है। इन तीनों में वास्तव में सबसे ज्यादा चलन में 100Base-TX स्टैंडर्ड है।
यह नेटवर्क Configuration का एक और रूप है। इसमें डेटा स्थानान्तरण सबसे पहले टोकन में होता है जिसे एक रिंग को पास कर दिया जाता है और यह प्रत्येक डिवाइस के द्वारा देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया में डिवाइस मैसेज को कॉपी करके उस पर एक निशान लगा देती है जिससे यह पता चल जाता है कि इस मैसेज को पढ़ लिया गया है। इसके अंतर्गत मैसेज को वापस भेजने वाले के पास पहुंचा दिया जाता है और उसमें यह भी शामिल कर दिया जाता है कि इसे जरूरी डिवाइस के द्वारा Receive किया जा चुका है और टोकन को दूसरे यूजर्स के लिए खाली कर दिया जाता है।
नेटवर्क प्रोटोकॉल वह स्टैंडर्ड है जो कम्प्यूटरों को कम्यूनिकेट करने के लिए अनुमति प्रदान करता है। नेटवर्क प्रोटोकॉल यह भी निर्धारित करता है कि एक कम्प्यूटर कैसे दूसरे कम्प्यूटर को दूसरे नेटवर्क पर पहुंचाएगा।
Access Point को तकनीकी भाषा में DHAP अर्थात Dedicated Hardware Access point कहते हैं। यह Access Point बहुत ही शक्तिशाली वायरलेस सुविधाओं से लैस होते हैं। वायरलेस नेटवर्किंग की इस तकनीक में सॉफ्टवेयर एक्सेस प्वाइंट भी प्रयोग किए जाते हैं जो उस कम्प्यूटर पर रन करते हैं जिनमें वायरलेस नेटवर्क इंटरफेस कार्ड लगा होता है।
वायरलेस नेटवर्किंग मुख्य रूप से दो तरह की होती है। एक को AD-HOC या Peer-to-Peer नेटवर्किंग कहा जाता है। इस प्रक्रिया में प्रत्येक कम्प्यूटर एक वायरलेस इंटरफेस के द्वारा दूसरे कम्प्यूटर्स से संपर्क करता है। इस तरह का वायरलेस नेटवर्क एक एक्सेस प्वाइंट भी प्रदान करता है।
वायरलेस नेटवर्किंग में प्रयोग होने वाली यह दूसरी तकनीक है जिसमें रेडियो फ्रिक्वंसी का प्रयोग Data Transmission की तरह से किया जाता है। इसके जिस स्टैंडर्ड का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है वह है 802.11 इसका मानकी करण IEEE(Institute of Electrical and Electronics Engineers) के द्वारा किया जाता है।
Wireless Networking की रेंज उसके साथ प्रयोग किए गए उपकरणों की क्षमता पर आधारित होती है। यह क्षमता क्लाइंट कम्प्यूटर और एक्सेस प्वाइंट के मध्य की दूरी को निर्धारित करता है। Wireless Devices के Manufacturer इंडोर और आउटडोर के लिए अलग-अलग Capacity वाले Devices बनाते हैं। आमतौर पर इंडोर रेंज के अंतर्गत 150 से लेकर 300 फिट की दूरी होती है। आउटडोर के संदर्भ में यह दूरी एक हजार फिट तक हो सकती है।
Wireless computer Roming Technique का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए यह एक एक्सेस प्वाइंट से दूसरे एक्सेस प्वाइंट को रोम करते हैं। इसके अंतर्गत Connection stream flow बनाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का प्रयोग किया जाता है।
रिपीटर 100Base-TX और 100Base-FX जैसे फास्ट नेटवर्क में लाइन सिंगनल को डिजिटल सिगनल में परिवर्तित करने में प्रयोग किया जाता है।
रिपीटर क्लास-1 के विपरीत तुरंत ही सिंगनल को रिपीट करता है। यह रिपीटर ज्यादा तेज गति से कार्य करता है। वर्तमान समय 100Base-FX Standard का प्रयोग किया जा रहा है।
प्रिंट सर्वर , प्रिटंर को शेयर करने की अनुमति प्रदान करता है। इसके द्वारा नेटवर्क में जुड़ा कोई भी यूजर प्रिंटर का इस्तेमाल कर सकता है। यह Parallel और Serial दोनो तरह की इंटरफेसों को सपोर्ट करता है। प्रिंट सर्वर नेटवर्क में किसी भी यूजर के द्वारा दिया गया प्रिंट जॉब स्वीकार करके उन्हें क्रम में प्रिंट करता है।
सर्वर के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में मेमोरी भी एक है। सर्वर को हो सकता है कि 24 घंटे चलते रहना पड़े। इसलिए मेमोरी को बहुत तेज गति का और दक्ष होना चाहिए। मेमोरी के संदर्भ में जिन बातों को महत्वपूर्ण माना जाता है, उनमें एक दोष जांच और सुधार की सुविधा भी है। सर्वर में जितनी ज्यादा रैम होगी वह उतनी ही तेजी से कार्य करेगा।
दोस्तों इस पोस्ट में हमने नेटवर्किंग से सम्बन्धित पूछे गये प्रश्नों के बारे मे बताया है। यह प्रश्न कई सारे प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये हैं। यह पहला भाग है। इसका दूसरा भाग जल्दी ही पोस्टो होगा। दोस्तों अगर आपके मन में कोई ऐसा प्रश्न है जो इस पोस्ट में न आ पाए हों तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। हमारा यह प्रयास रहेगा कि हम जल्द ही आपके प्रश्नों को पोस्ट के जरिए प्रकाशित करें। अगर आपने इस पोस्ट से कुछ सीखा हो या यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट लाइक व शेयर जरूर करें।
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