What is IoT| IoT क्या है?
IoT क्या है?
नमस्कार दोस्तों, मेरे इस ब्लॉग में आपका बहुत बहुत स्वागत है दोस्तों आज जिस विषय पर हम बात करने जा रहे हैं, उसके बारे में अभी बहुत कम लोग ही जानते हैं। दोस्तों आपने देखा होगा कि जब आप किसी कार में बैठते हैं तो उसमें अगर आपने सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं तो कार में बीप या फिर किसी प्रकार का मैसेज बोलने लगता हैं या फिर बारिश हो रही हैं तो सामने वाले शीशे पर जैसे ही बारिश की बूंद पड़ती है वैसे ही कार का वाइपर अपने आप चालू हो जाता है और जैसे ही बारिश बंद होती है वैसे ही वाइपर अपने आप बंद हो जाता है। जी हां ये सब सेंसर का कमाल है। मतलब कुछ तो ऐसा है जो इन सभी चीजों को सेंस कर रहा है।
Internet of Things एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ Regular Devices इंटरनेट से जुड़े होते हैं, इसलिए वे एक-दूसरे के साथ डेटा का Interact, Collaborate और आदान-प्रदान कर सकते हैं। स्मार्ट कार, स्मार्ट होम, स्मार्ट सिटीज, हमारे आसपास की प्रत्येक वस्तु को इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से स्मार्ट डिवाइसेस में बदला जा सकता है। IoT की वजह से नौकरी की अपार संभावनाएं हैं परन्तु जिन लोगों में कौशल की कमी है उन्हें थोड़ी सी परेशानी हो सकती है लेकिन अगर थोड़ा सा प्रयास किया जाए तो IoT में बहुत अच्छा भविष्य बनाया जा सकता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स भौतिक उपकरणों और रोजमर्रा की वस्तुओं में इंटरनेट कनेक्टिविटी का एक्सटेंशन है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स( IoT) कई सारी डिवाइसेस का एक नेटवर्क है जो किसी भी मानवीय हस्तक्षेप के बिना इंटरनेट पर डेटा को Collect और Transfer कर सकता है। इसका मतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटरनेट कनेक्टिविटी और हार्डवेयर के अन्य रूपों के साथ एम्बेडेड, ये डिवाइस इंटरनेट पर एक-दूसरे के साथ communicate और बातचीत कर सकते हैं और दूर से निगरानी और नियंत्रित भी हो सकते हैं।
IoT का इतिहास
1999 में Internet of Things शब्द का उपयोग Kevin Ashton द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया गया।
2004 में गार्डियन, बोस्टन ग्लोब और साइंटिफिक अमेरिकन जैसे प्रसिद्ध प्रकाशनों में इस शब्द का उल्लेख किया गया था।
2005 में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार ने इस विषय पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की।
2008 में IoT का जन्म हुआ।
2011 में मार्केट कंपनी गार्टनर ने अपने शोध में Internet of Things तकनीक को शामिल किया।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स का सीधा सा मतलब है जिसमें कई सारे Gadgets को इंटरनेट के माध्यम से आपस में जोड़ा जाता है ताकि वे आपस में एक दूसरे के साथ डाटा शेयर कर सकें। डाटा शेयर करने का मतलब कोई फाइल शेयर करना नहीं बल्कि इन सभी गैजेट्स में Sensor लगा होता है जिससे ये सभी गैजेट्स चीजों को Sense करते हैं। जैसे मान लीजिए आप का घर जिसमें घर के दरवाजे को बंद व खोलने के लिए sensor लगा है तो जैसे ही आप दरवाजे के पास आते हैं तो दरवाजा अपने आप खुल जाता है और जैसे ही आप दरवाजे से बाहर जाते हैं वैसे ही दरवाजा अपने आप लॉक हो जाता है और इन सभी गैजेट्स को आप अपने मोबाइल से कनेक्ट करके कंट्रोल कर सकते हैं।
Advantages of IoT
1. Communication: IoT डिवाइसेस इंटरनेट व ब्लूटूथ की मदद से आपस में एक-दूसरे से Communicate करती है। जिसे मशीन-टू-मशीन के नाम से भी जाना जाता है।
2. Access information: Information access का मतलब कि हम रियल टाइम में दुनिया के किसी भी कोने बैठ कर, कनेक्टेड डिवाइसेस से जानाकरी प्राप्त कर सकते हैं। इससे हमारी जिंदगी और भी आसान बन गई है कि हम फिजिकली मौजूद न होते भी डिवाइसेस से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
3. Automation and Control: Automation का मतलब जिसमें मशीनें मानवीय हस्तक्षेप के बिना सारा काम खुद करें। इसमें मशीन के काम में वृद्धि होती है और हर काम मशीन को स्वयं करना पड़ता है। मानवीय हस्तक्षेप के बिना मशीनें तेजी से और समय पर आउटपुट देने के लिए एक दूसरे के साथ Communicate करती हैं।
4. Efficient Usage of electricity: दोस्तों जब सारा काम मशीनें ही करेंगी तो जितनी ज्यादा मशीनें होंगी तो मशीनों को चलाने के लिए उतनी ही बिजली का आवश्यकता होगी। सारी डिवाइसेस मोबाइल से कनेक्ट करके नियंत्रित कर सकते हैं।
5. Security: आप मोबाइल फोन के माध्यम से अपने घर को नियंत्रित कर सकते हैं। यह आपको व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करता है।
Disadvantages of IoT
1. Security: IoT में सारी डिवाइसे इंटरनेट के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं तथा आपस में जानकारी साझा करते हैं तो हैकर्स नेटवर्क तोड़कर आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं। इसलिए इंटरनेट पर साझा किए गए डेटा की Privacy बनाए रखने के लिए Data Encryption बहुत जरूरी है।
2. Privacy: इसमें डाटा आसानी से चोरी किया जा सकता है क्योंकि सारी डिवाइसेस इंटरनेट व ब्लूटूथ के माध्यम से जुड़ी होती है। हैकर्स के लिए नेटवर्क को तोड़ना आसान होता है। हैकर्स नेटवर्क को तोड़ कर गैजेट्स को अपने कंट्रोल में ले सकते हैं।
3. Unemployment: IoT से जुड़ी डिवाइसेस स्वतः ही काम करती हैं जिसमें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है। जिसका असर रोजगार पर पड़ेगा। अगर कंप्यूटर कौशल नहीं है तो बेरोजगारी ज्यादा बढ़ेगी।
IoT Applications
1. स्मार्ट होम्स डिवाइसेस
2. स्मार्ट वाटर सिस्टम
3. स्मार्ट सिटी
4. ट्रैफिक मॉनिटरिंग
5. कनेक्टेड कार
6. हेल्थ कार
7. स्मार्ट ग्रिड
IoT में थिंग्स क्या है-
Sensors: सेंसर एनर्जी की उपस्थिति, परिवर्तन का पता लगाते हैं। सेंसर एक Transducer जैसे डिवाइसेस से सिग्नल प्राप्त करके पता लगाते हैं, फिर उस सिग्नल को एक आउटपुट में परिवर्तित करके इसका जवाब देते हैं जिसे आसानी से पढ़ा व समझा जा सकता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो सेंसर एक मान्यता प्राप्त सिग्नल को एक इलेक्ट्रिकल एनालॉग या डिजिटल आउटपुट में परिवर्तित करते हैं। जिसे आसनी से किसी के भी द्वारा पढ़ा जा सकता है। आसान से शब्दों में कहा जाए तो सेंसर डाटा एकत्र करने का काम करते हैं।
सेंसर के प्रकारः
1. Temperature Sensor
2. Proximity Sensor
3- Pressure Senor
4- Water Quality Sensor
5- Chemical Sensor
6- Gas Sensor
7- IR(Infrared) Sensor
8- Level Sensor
9- Smoke Sensor
10- Image Sensor
11- Motion Detection Sensor
12- Accelerometer Sensor
13- Gyroscope Sensor
14- Humidity Sensor
15- Optical Sensor
Actuator:
Actuator एक ऐसी वस्तु है जो किसी वस्तु को सक्रिय या गति प्रदान करता है। एक Actuator ऊर्जा को Motion या Mechanical Energy में परिवर्तित करता है।
उदाहरणः एक विद्युत मोटर को चालू करने के लिए विद्युत ऊर्जा की आवशयकता होती है। अगर आसान से शब्दों में कहा जाए तो Actuator किसी प्रकार की ऊर्जा को गति या यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। जैसेः Motor Gears, Pumps, Piston, Valves और Switch
Actuator के प्रकारः
1. Electric actuators
2- Hydraulic actuators
3- Pneumatic actuators
4- Mechanical actuators
5- Thermal/Magnetic actuators
Microcontroller:
एक माइक्रोकंट्रोलर एक Semiconductor IC(Integrated Circuit) चिप होता है जिसमें कई Functional Blocks होते हैं जैसे कि CPU, ROM, RAM, EPROM, Timer, Counter और Interrupt आदि
Components of Microcontroller:
1- CPU
2- Memory
3- Input/Output Ports(Digital and Analog Ports)
4- Serial Ports
5- Timers
6- ADC(Analog to Digital Converter)
7- DAC(Digital to Analog Converter)
8- Interrupt Control
9- Operating Voltage and Current
10- Control Interface
11- Special Functioning Block