Computer and Control Panel | कम्प्यूटर और कंट्रोल पैनल
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कम्प्यूटर और कंट्रोल पैनल
दोस्तों, Control Panel हमारे कंप्यूटर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि Control Panel हमारे कंप्यूटर की सारी सेटिंग्स होती हैं चाहें वह Networking , Printer, Language इत्यादि से जुड़ी हो। यह बहुत सारे Programs का Group होता है जिसका प्रयोग Hardware, Font Setting, System और Security Setting, Network और Internet Setting, User Account की सेटिंग के लिए किया जाता है।
आपके कंप्यूटर की पूरी Configuration या Specification, कंप्यूटर में कौन सी Window है कौन सा वर्जन, कितनी Speed, Sound, Display, Print आदि इस तरह की सब जानकारी Control Panel से ही मिलती है।
Device Manager
अगर आपके कंप्यूटर में कोई ड्राइवर इंस्टॉल नहीं है तो आपको पता ही नहीं चल पाता है। आप Device Manager में जाकर यह पता कर सकते हैं कि आपके कंप्यूटर में कौन सा Driver इंस्टॉल है और कौन सा नहीं। जैसे मान लीजिए कि आप कंप्यूटर में कोई मूवी देख रहे हैं लेकिन मूवी सही से नहीं चल रही है तो इसका मतलब है कि आपके कंप्यूटर में ग्राफिक्स का ड्राइवर नहीं है तो आप Device Manager में जाकर देख सकते है कि आपके कंप्यूटर में ग्राफिक्स का ड्राइवर इंस्टॉल है या नहीं। यहां से आप ड्राइवर इंस्टॉल कर सकते हैं और यदि ड्राइवर इंस्टॉल है तो इसे अपडेट भी कर सकते हैं। यहां से आप ड्राइवर को तो Install कर ही सकते हैं साथ ही यूएसबी को Lock और Unlock भी कर सकते हैं।
Devices and Printer
डिवाइस मैनेजर की तरह यह भी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को आपस में कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल होता है। डिवाइस मैनेजर कंप्यूटर के एक्सटर्नल हार्डवेयर जैसे कि एक्सटर्नल कीबोर्ड, एक्सटर्नल माउस, प्रिंटर, स्कैनर आदि को आप कनेक्ट कर सकते हैं साथ ही कनेक्ट करते समय उनकी सेटिंग यहां से कर सकते हैं। यहां से आप वायरलेस कैमरा, वायरलेस कीबोर्ड और माउस और साउंड को भी कनेक्ट कर सकते हैं।
File Explorer Options
File Explorer की मदद से आप अपने कंप्यूटर के सभी Folder की सेटिंग कर सकते हैं जैसे कि आप फोल्डर को दो बार क्लिक से ओपन करना चाहते हैं या एक बार क्लिक से ओपन करना चाहते हैं या आपको फोल्डर को Hide और Unhide कर सकते हैं या फोल्डर को आप नई विंडो में ओपन करना चाहते हैं या उसी विंडो में ओपन करना चाहते हैं और इसी ऑप्शन की मदद से आप अपने कंप्यूटर की फाइल की सेटिंग भी कर सकते हैं।
Fonts
अगर आपको अपने कंप्यूटर में कोई भी नया Font इंस्टॉल करना चाहते हैं या फिर किसी Font को Delete करना चाहते हैं तो आप Control Panel में जाकर Fonts वाले फोल्डर में जाकर Install व Delete कर सकते हैं।
Keyboard
कीबोर्ड की सेटिंग में कुछ ज्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें हम सिर्फ जो भी कैरेक्टर लिखते हैं उनकी दोहराने की जो स्पीड है तथा Cursor Blinking रेट को कम या ज्यादा कर सकते हैं।
Mouse
माउस कंप्यूटर के लिए सबसे जरूरी डिवाइस है। माउस के बिना कंप्यूटर को ऑपरेट करना मुश्किल होता है। माउस में आपको बटन Configuration का ऑप्शन मिलता है। इससे बटन की सेटिंग बदल सकते हैं। Double Click की स्पीड को मैनेज कर सकते हैं। यहां से आप माउस के प्वाइंटर की विजिबिलिटी, प्वाइंटर के Motion की गति को कम या ज्यादा कर सकते हैं और साथ ही आप यहां से Pointer की Style को बदल सकते हैं।
Internet Options
अगर आप अपने कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इस ऑप्शन के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरूरी है। इंटरनेट ऑप्शन में General Tab के ऑप्शन Microsoft Edge(Internet Explorer) के लिए इस्तेमाल होता है जोकि विंडो का खुद का Internet Browser है तथा यहां से Privacy Tab में जाकर किसी भी Website को Block और Unblock कर सकते हैं।
Sound
हमारे कंप्यूटर की जितनी भी ऑडियो की सेटिंग होती है वह इस साउंड के ऑप्शन से होती है, चाहे हमें ऑडियो सुननी हो या माइक की मदद से ऑडियो कंप्यूटर में रिकॉर्ड करनी हो। जो भी सेटिंग होती है वह सारी साउंड के ऑप्शन में होती है। अगर आपके हेडफोन या स्पीकर में ऑडियो ड्राइवर के कारण आवाज नहीं आ रही तो आप इस साउंड के ऑप्शन में आ कर उसे ठीक कर सकते हैं।
Programs and Features
कंप्यूटर मे जितने भी सॉफ्टवेयर Install होते हैं । वह सभी Programs and Features के ऑप्शन में दिखाई देते हैं। यहां पर आप यह भी पता कर सकते हैं कि जो सॉफ्टवेयर आपने इंस्टॉल किया है सिस्टम में क्या साइज है, उसका Publisher कौन है, उसका वर्जन क्या है साथ ही सॉफ्टवेयर कब इंस्टॉल किया गया है। अगर कोई सॉफ्टवेयर Uninstall करना चाहते हैं तो आप यहां से Uninstall कर सकते हैं।
Network and Sharing Center
कंप्यूटर पर इंटरनेट का इस्तेमाल करना हो तो Network and Sharing Center ऑप्शन से उसके कनेक्शन को देख सकते हैं, उसकी सारी प्रॉपर्टी और उसकी सेटिंग भी यहां पर कर सकते हैं। यहां से आप Network के माध्यम से अपनी Devices जैसे Printer आदि को कई सारे Computers में शेयर कर सकते हैं। यदि कंप्यूटर में इंटरनेट कि कोई भी दिक्कत आ रही है तो यहां से Troubleshoot भी कर सकते हैं।
Toubleshooting
Troubleshooting विंडो का एक ऐसा टूल है जिसकी मदद से विंडो में आने वाले एरर और दिक्कत को सही कर सकते हैं। मान लीजिए कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर पुराने वर्जन का है जो कि विंडो के पुराने वर्जन पर काम करता था लेकिन अब नई विंडो इंस्टॉल करने के बाद यदि वह उसके ऊपर काम नहीं कर रहा है तो Troubleshooting की मदद से वह सॉफ्टवेयर आप नई विंडो पर भी चला सकते हैं।
System
सिस्टम के ऑप्शन से कंप्यूटर की Configuration पता कर सकते हैं कि कंप्यूटर में कौन सी विंडो इंस्टॉल है और कंप्यूटर में कितनी जीबी रैम व कौन सा प्रोसेसर है और आपका कंप्यूटर 32 बिट का है या 64 बिट का, साथ ही उस प्रोसेसर की कितनी स्पीड है। आपके कंप्यूटर का Manufacturer कौन है ये भी पता कर सकते हैं।
Language
Language ऑप्शन का प्रयोग आप तब ही कर सकते हैं जैसे अगर आप Mangal फॉन्ट पर काम करना चाहते हैं तो आपको अपने कंप्यूटर में हिन्दी भाषा को Add करना होगा। हिन्दी भाषा को Add करने के बाद आप आसानी के Mangal Font पर काम कर सकते हैं। Add a Language ऑप्शन में जा कर आप किसी भी भाषा को ऐड कर सकते हैं।
Power Options
Power Options का ज्यादातर प्रयोग लैपटॉप करते हैं जैसे आपके लैपटॉप की स्क्रीन अपने आप ऑफ हो जाती है। तो आप यहां से सेट कर सकते हैं कि कितने समय के बाद आपके लैपटॉप या मॉनिटर की स्क्रीन अपने आप ऑफ हो जाए या फिर यह भी सेट कर सकते हैं कि जब लाइट आ रही हो तो आपके मॉनिटर या लैपटॉप की स्क्रीन की Brightness ज्यादा हो जाए और लाइट के जाने के बाद Brightness कम हो जाए।
User Accounts
यहां से आप अपने कंप्यूटर के लिए अलग-अलग User Accounts बना सकते हैं साथ ही User Accounts में पासवर्ड भी लगा सकते हैं। यदि आप Admin हैं तो भी आप यहां से अपने Admin Account में पासवर्ड लगा सकते हैं।
Windows Defender Firewall
यहां से आप अपने कंप्यूटर में Firewall को On और Off कर सकते हैं तथा यहां से आप किसी भी सॉफ्टवेयर के लिए Firewall Inbound और Outbound सेटिंग सेट कर सकते हैं।
Ease of Access Center
यहां से आप Magnifier, On Scree Keyboard , Narrator तथा High Contrast को ऑन और ऑफ कर सकते हैं।
आपने क्या सीखा?
दोस्तों, ऊपर दिए हुए पोस्ट में हमें Control Panel के जरूरी ऑप्शन के बारे में बताने का प्रयास किया है जो हमारे रोजमर्रा उपयोग में आते हैं या जिनकी हमें सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आगे आने वाले पोस्टों में इन सभी के बारे में डिटेल्स से बताएंगे कि ये सारे कैसे काम करते हैं। अगर इस पोस्ट से आपने कुछ सीखा हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें साथ ही अगर हमारे लिए कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अगर यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे लाइक करें। आपका लाइक हमें मोटिवेट करता है और जिसके जरिए हम और अच्छे-अच्छे पोस्ट आपके लिए लेकर आएंगे।
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