Computer

जानें Computer Management की सेटिंग्स के बारे में ।

कंप्यूटर मैनेजमेंट(Computer Management)

दोस्तों, हमारे कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम Windows में Computer Management के नाम से एक option  दिया गया है, इस ऑप्शन की मदद से हम Local या Remote कंप्यूटर को मैनेज कर सकते हैं। कंप्यूटर में Administrative Tools की मदद से आप अपने कंप्यूटर को मैनेज कर सकते हैं। आप इसे Run Command में जाकर COMPMGMT.MSC कमांड टाइप करें या फिर Desktop में कंप्यूटर वाले आइटन पर राइट क्लिक करके, Manage पर क्लिक करें। यहां पर कुछ इस तरह का डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।

Computer Management को मुख्य रूप से तीन हिस्से में बांटा गया है जो इस प्रकार है SYSTEM TOOL, STORAGE एवं SERVICES AND APPLICATION ।



COMPUTER MANAGEMENT

  1. सबसे पहले हम System Tool ग्रुप के बारे में समझते हैं। यहां आपको TASK SCHEDULER नाम से एक ऑप्शन दिखाई देगा ।यह ऑप्शन Windows Xp में Schedule Task के नाम से था। इस ऑप्शन की मदद से आप किसी भी सॉफ्टवेयर या किसी भी ऐप्लीकेशन का एक Schedule में सेट या कोई ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसे आप हर रोज किसी Specific समय पर चलाना चाहते हैं तो उसे आप यहां पर सेट कर सकते हैं जैसे कि Antivirus Application को आप हर रोज चलाना चाहते हैं उसे उसे आप यहां पर सेट कर सकते हैं उसके बाद एंटीवायरस हर रोज अपने आप रन हो जाएगा । अगर आप इस ऑप्शन को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो-
    1. सबसे पहले TASK SCHEDULER पर क्लिक करें।
    2. इसके बाद राइट साइड में एक पैनल खुलेगा।
    3. यहां पर CREATE BASIC TASK पर क्लिक करें।

TASK SCHEDULER IN WINDOWS

 

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  2. SYSTEM TOOL में अगला ऑप्शन EVENT VIEWER के नाम से है। इस ऑप्शन का इस्तेमाल कंप्यूटर के द्वारा कंप्यूटर के इवेंट (किसी भी घटित तथ्य) को देखा जा सकता है।



    1. आप EVENT VIEWER पर बायें साइड छोटा सा ऐरो दिखाई देगा वहां क्लिक करें। इसके बाद WINDOWS LOGS दिखाई देगा इस पर क्लिक करें। इसके अंदर आपको कई ऑप्शन मिलेंगें । जैसे सबसे पहले Application- इस ऑप्शन पर डबल क्लिक करें। इसमें में वो Event Message स्टोर होते हैं। जो किसी एप्लिकेशन या प्रोग्राम के द्वारा उत्पन्न होते है जैसे उदाहरण के तौर पर कोई डेटाबेस प्रोग्राम Read या Write Error दिखाता है। यह मैसेज Application Log में देखे सकते हैं।
    2. दूसरा ऑप्शन Security के नाम से है। इस पर डबल क्लिक करें। इसमें Legal या Illegal Login से संबंधित मैसेज साथ में डेटा या कोई Object एक्सेस से संबंधित Event इस ऑप्शन में स्टोर होता है। जैसे मान लीजिए कि User एक ऐसी फाइल को एक्सेस कर रहा है जिसको एक्सेस करने की उसे Permission नहीं है तो कंप्यूटर स्क्रीन पर यूजर को Access is Denied का मैसेज मिलेगा। यही मैसेज Security Log में भी सेव होगा। एडमिनिस्ट्रेटर यह निश्चित कर सकते हैं कि किस तरह का इवेंट Security Log में स्टोर होगा।
    3. इसी प्रकार अगला ऑप्शन Setup के नाम से है यह ऑप्शन Application Setup के द्वारा उत्पन्न Message को स्टोर करने का काम करता है।
    4. अगला ऑप्शन System के नाम से है। जिसमें System Component से संबंधित इवेंट स्टोर होते हैं। जैसे System Startup के दौरान किसी Driver अथवा दूसरे Component का फेल हो जाना, इससे संबंधित इवेंट System Log में स्टोर होते हैं।
    5. अगला ऑप्शन Forwarded Event Log का है। इस ऑप्शन की मदद से रिमोट कंप्यूटर के इवेंट को स्टोर किया जा सकता है।



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      3. System Tool में एक ऑप्शन SHARE FOLDERS के नाम से भी मिलेगा। इसमें भी तीन ऑप्शन है।

EVENT VIEWER, RUN COMMANDS SYSTEM TOOL

    1. पहला Shares के नाम से है। इस ऑप्शन में कंप्यूटर में स्टोर सभी शेयर डाटा की जानकारी देता है, यहां से डेटा की शेयरिंग को रोका जा सकता है।
    2. इसी में दूसरा ऑप्शन Session के नाम से है। यहां इस बात की जानकारी आपको मिल जाएगी कि आपके कंप्यूटर के डाटा को कितने लोगों के द्वारा एवं कितने देर से एक्सेस किया जा रहा है।
    3. तीसरा ऑप्शन यहां Open Files के नाम से है जिसमें यह पता चलता है कि यूजर जिन्होंनें आपके डेटा को एक्सेस किया है उन्होनें कौन सी फाइल को खोला है।

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     4. System Tool में अगला ऑप्शन Local users and Group के नाम से available है।

    1. यहां से आप New User बना सकते हैं। साथ ही पुराने यूजर अकाउंट में किसी प्रकार का Changement कर सकते हैं जैसे यूजर का पासवर्ड बदलना, अकाउंट को Enable अथवा Disable करना इत्यादि। आप यहां से Group भी बना सकते हैं। एवं User को किसी भी Group का मेम्बर बना सकते हैं।
    2. अगला ऑप्शन Performance के नाम से है, यहां से कंप्यूटर की Performance को Monitor किया जा सकता है। जैसे Memory, Processor, Network इत्यादि के उपयोग का Percentage यहां से देखा जा सकता है।



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    5. System Tool में अगला ऑप्शन Device Manager के नाम से हैं। यहां से आप अपने कंप्यूटर Hardware Peripherals के लिए Driver से संबंधित सभी समाधान कर सकते हैं। जैसे: Driver Install या Remove करना इत्यादि।

DEVICE MANAGER

     6.  Computer Management के अंदर दूसरे श्रेणी में Storage का ऑप्शन है। यहां से आप अपने कंप्यूटर से अटैच सभी Fix अथवा Removable Device से संबंधित सेटिंग्स कर सकते हैं।



     7. Computer Management में अगला ऑप्शन Device Management का है। यहां पर आपको कंप्यूटर की सारी ड्राइव्स दिखाई देंगी। यहां से आप किसी भी ड्राइव का Partition बना सकते हैं साथ ही Volume को Shrink भी कर सकते हैं या फिर अगर कोई पेन ड्राइव Format न हो रही हो तो यहां से भी Format कर सकते हैं।

DISK MANAGEMENT

      8. Computer Management के अदंर सबसे आखिरी ऑप्शन Services And Application के नाम से है। यहां से किसी भी Service को Stop अथवा Start किया जा सकता है।

 

यहां पर बताए गए सभी ऑप्शन हर कंप्यूटर के लिए बहुत जरूरी है और इनका Practical Knowledge भी बहुत जरूरी है। आप अपने कंप्यूटर पर इन ऑप्शन का इस्तेमाल करके देख सकते हैं।



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दोस्तों, हमें आशा है कि आप इस पोस्ट से कुछ सीख पाए होगें। अगर आपने इस पोस्ट से कुछ सीखा हो तो इस पोस्ट ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और अगर कोई सवाल आपके मन में हैं या फिर आप चाहते हैं आपके सवालों का जवाब मिलें तो हमें अपनी समस्या को जरूर बताएं।

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